यूपी: ओवलोडिंग मामले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई, बस्‍ती और संंतकबीरनगर के एआरटीओ सहित चार गिरफ्तार

यूपी: ओवलोडिंग मामले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई, बस्‍ती और संंतकबीरनगर के एआरटीओ सहित चार गिरफ्तार


ओवरलोडिंग के जरिए सरकार को राजस्‍व का भारी नुक्‍सान कराने के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बस्‍ती के पीटीओ और प्रभारी एआरटीओ प्रवर्तन शैलेंद्र कुमार तिवारी, संतकबीनगर के पीटीओ और प्रभारी एआरटीओ प्रवर्तन संदीप चौधरी, बस्‍ती पीटीओ के ड्राइवर उत्‍तम चंद और देवरिया आरटीओ के सिपाही अनिल कुमार शुक्‍ला को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। भ्रष्‍टाचार के इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज था। अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ यह पहली सीधी कार्रवाई है। इस कार्रवाई से गोरखपुर-बस्‍ती मंडल ही नहीं पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कम्‍प मच गया है।


एसआईटी प्रभारी सुमित शुक्‍ल की अगुवाई में बेलीपार के एसओ संतोष सिंह और नित्‍यानंद पांडेय आदि ने अलग-अलग स्‍थानों से ये गिरफ्तारियां कीं। आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से ओवरलोडिंग गाड़ियां चलवाने वाले एक रैकेट को 24 जनवरी को बेलीपार के मेहरौली स्थित मधुबन ढाबा से एसटीएफ ने दबोच लिया था। सरगना सहित रैकेट के छह सदस्य को गिरफ्तार करने के बाद एसटीएफ ने इनके पास से गोपनीय डायरी और रजिस्टर भी बरामद किया था। जिसमें पूर्वांचल के कई जिलों के आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को महीने में दी जानी वाली रकम का हिसाब-किताब लिखा था। एसटीएफ ने सभी आरोपियों को बेलीपार थाने में दाखिल किया था।


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सूत्रों के मुताबिक इन सभी से एसआईटी पूछताछ  कर रही है। अभी कुछ और लोगों को हिरासत में लिया जा सकता है। 24 जनवरी को पकड़े गए थे गैंग के छह सदस्‍यों को एसटीएफ ने गाड़ियों की ओवरलोडिंग कर करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाने के आरोप में बेलीपार के मधुबन होटल से गिरफ्तार किया था। उस दिन गिरफ्तार होने वालों में मधुबन होटल मालिक और बेलीपार के मेहरौली निवासी धर्मपाल सिंह, मनीष सिंह उर्फ सिब्बू सिंह, विवेक सिंह उर्फ सिक्कू सिंह, श्रवण कुमार गौड़, रामसजन तथा देवरिया जिले के कपरवारघाट निवासी शैलेश मल्ल शामिल थे। इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद मामले की जांच के लिए पुलिस की एसआईटी टीम का गठन हुआ जिसने मंगलवार को संतकबीनगर के एआरटीओ सहित चार लोगों को उठा लिया। 


एंट्री किंग के नाम से जाना जाता था धर्मपाल
धर्मपाल सिंह उर्फ डीपी सिंह ओवरलोड गाड़ियों को एंट्री कराने वाले किंग के रूप में जाना जाता है। सोनभद्र से ही इसका सिक्का चलता था, आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच अच्छी पैठ होने के नाते कोई उस पर हाथ नहीं डालता था।


एसटीएफ ने दी थी 24 पन्ने की तहरीर 
एसटीएफ ने संगठित गिरोह के खिलाफ बेलीपार थाने में केस दर्ज कराया। इनके गिरोह व उनके साथ जुड़े लोगों तथा बरामद सामान को एफआईआर में दिखाने के लिए एसटीएफ को 24 पन्ने की फर्द बनानी पड़ी। फर्द लिखने के बाद आधी रात को एसटीएफ ने बेलीपार थानेदार को सुपुर्द किया। वहीं थाने की जीडी में एफआईआर दर्ज होते-होते सुबह हो गई।


थाने की जीप में जाने से शर्मा रहा था धर्मपाल
ओवरलोडिंग के पैसे से करोड़ों की सम्पत्ति का मालिक बने धर्मपाल की गिरफ्तारी की खबर के बाद थाने पर भीड़ जुट गई। पान की गुमटी और ट्रक ड्राइवर फिर ढाबा संचालक से होटल मालिक तक का सफर तय करने वाला धर्मपाल पुलिस की जीप से कोर्ट में जाने के तैयार नहीं हो रहा था। उसे पुलिस की जीप में जाने पर शर्म आ रही थी। उसे कोर्ट तक ले जाने के लिए कई लग्जरी गाड़ियां भी थाने पर पहुंच गईं थीं पर पुलिस की सख्ती के बाद उसे पुलिस की जीप से कोर्ट तक ले जाया गया।


बारात के लिए होटल बुक कराने के बहाने गई थी एसटीएफ
एसटीएफ पिछले तीन महीने से गैंग पर नजर गड़ाए थी। गिरोह के सदस्यों को एक साथ होने के इंतजार में टीम को कई दिन लग गए। जानकारी जुटाने के लिए एसटीएफ की टीम बारातियों को रुकने के लिए होटल बुक कराने के बहाने पहुंची थी। इसी बहाने दो दिन तक पूरी गतिविधियों पर एसटीएफ की टीम गैंग पर नजर रखी जब सभी लोग इकट्ठा हो गए तब टीम ने उन्हें दबोच लिया।